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धातु और अधातु

धातु और अधातु  (Metal and Non Metal )  प्रश्न:- धातु किसे कहते हैं? उसके भौतिक  गुणों को लिखें।  उत्तर:- वैसे तत्व जो विद्युत एवं उष्मा का चालन करते हैं और आघातवर्धनीय एवं तन्य होते हैं, उसे धातु कहते हैं। धातु के भौतिक गुण:- चमक:- सभी धातुएं प्रायः चमकीले होते हैं। धातु के इस गुण को धात्विक चमक कहते हैं। कठोरता:- सभी धातु एक कठोर होती हैं उन्हें चाकू से काटा नहीं जा सकता है। आघातवर्ध्य:-  धातुओ आघातवर्ध्य होती है। अतः उसे पीट-पीटकर चादरे बनाए जा सकते हैं। सोना  एवं चांदी सबसे अधिक आघातवर्ध्य होती हैं। तन्यता:-  धातु तन्य  होती हैं। अर्थात इन्हें खींचकर इनसे महीन तार बनाए जा सकते हैं। सोना  एवं सिल्वर सर्वाधिक तन्य होती है1 ग्राम सोना से 2 किलोमीटर लंबे तार बनाए जा सकते हैं। उष्मीय एवं विद्युत चालकता:- सभी उस्मा एवं विद्युत की सुचालक होती है। सिल्वर  उष्मा तथा विद्युत की सबसे अधिक सुचालक होती हैं। प्रश्न:- अधातु क्या है? इसके भौतिक गुणों को लिखें। उत्तर:- वैसे तत्व जो उस्मा एवं विद्युत का चालन नहीं करते हैं और ना ही आघातवर्धनीय एवं तन्य में होती है, लेकिन वे भंगुर होते हैं, उसे अधात

Bihar Board Class 12 Music Notes

संगीत क्या है? संगीत सूर एवं ताल युक्त ललित कला है जिसमें गायन, वादन, नृत्य तीनों का समन्वय होता है । यही कारण है कि इसे गीत वाद्य और नृत्य की त्रिवेणी कहा गया है। इस कला के माध्यम से कलाकार के मनोगत भाव स्वर, लय, ताल के साथ व्यक्त होता है। संगीत को परिभाषित करते हुए यह उल्लेख करें कि संगीत के बिना जीवन का अस्तित्व संभव नहीं है। अथवा  संगीत एवं जीवन पर निबंध लिखें। संगीत शब्द सम और गीत के मिलने से बना है सम का अर्थ समता तथा गीत के अर्थ गीत होता है। अर्थात  संगीत वह है जो गीत गाने अथवा सुनने वाला को समता  प्रदान करता है। जहां हर्ष विषाद खुशी चिंता कुछ भी रह जाए संगीत सब को मिटा कर समता अर्थात साम्यावस्था प्रदान करता है। सर्वप्रथम संगीत का चर्चा सामवेद में हुई थी कि गायन, वादन, नृत्य के समन्वय रूप को संगीत कहते हैं।             संगीत भारतीय संस्कृति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। संगीत के बिना मानव जीवन का अस्तित्व नहीं है। इस बात को धर्मशास्त्र भी स्वीकार करता है।           " साहित्य संगीत कला विहीना:             साक्षात पशु पुच्छ विषाणहीनः&